"फूटा बसंत आज मौसम में" पुस्तक
(Foota Basant Aaj Mausam Mein)
स्नेहिल नमस्कार !
आज मेरे घर के मौसम में बसंत फूट गया है हालांकि सावन का पवित्र महीना चल रहा है। बसंत इसलिए फूटा है क्योंकि मेरे हाथों में एक और पुस्तक है जिसका शीर्षक है " फूटा बसंत आज मौसम में "।
ये पुस्तक आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा की अनमोल हिंदी कविताओं पर आधृत है। यह पुस्तक 32 हिंदी कविताओं का संग्रह है। इससे पहले 53 हिंदी कविताओं का संग्रह "हम हों केवल भारतवासी" , 29 भोजपुरी कविताओं का संग्रह "छलके छलके नयनिया के कोर", और 25 हिंदी कविताओं का संग्रह "हम तो भाई विषपायी हैं" प्रकाशित हो चुके हैं और अमेजन पर उपलब्ध हैं । ये चौथा कविता संग्रह है आपके बीच।
इस कविता संग्रह का भी संकलन, टंकण और संपादन करने का सौभाग्य मुझे यानी डॉ. अजय कुमार ओझा को प्राप्त है और इस पुस्तक को आपके बीच प्रस्तुत करने का भी। यह बहुत ही दुरुह और दुस्साध्य कार्य रहा है । और हां आवरण चित्र भी मेरे द्वारा ही लिया हुआ है ।
यह पुस्तक दिल्ली के लोकमित्र प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गयी है । लोकमित्र प्रकाशन से दो और पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं - "बोल उठा खेत उस दिन" और "सूअर बड़ा कि मैं'।
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