Sunday, September 8, 2024

Tennis - SundarI (टेनिस -सुन्दरी ) Book by Dr Ajay Kumar Ojha

 

टेनिस -सुन्दरी 

(Tennis-Sundari) 


आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा के रोचक ललित निबंधों का रुचिकर संग्रह 

(A Collection of Beautiful Personal Essays by 

Acharya Rabindra Nath Ojha)


सम्पादन 

डॉ अजय कुमार ओझा 

Edited by Dr Ajay Kumar Ojha 












सम्पादक के माउस से 




मैं कुछ कहना चाहता हूँ  !




आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा का व्यक्तित्व अद्भुत था, बहुआयामी था, बहुवर्णी था, बहुपक्षीय था। वे बिहार विश्वविद्यालय के एम. जे. के. कॉलेज बेतिया (M.J.K. College, Bettiah)  में  अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष थे। एम. जे. के. कॉलेज बेतिया  को अंगीभूत बनाने में रवीन्द्रनाथ ओझा की ऐतिहासिक व महत्वपूर्ण भूमिका रही - शिक्षक संघ के सचिव रहते हुए ओझा जी को आमरण भूख हड़ताल पर भी जाना पड़ा था ।  ओझा जी ने शिक्षकों और विद्यार्थियों के कल्याणार्थ अनेक बार भूख हड़ताल किया। ये तो सर्वविदित है  कि जे. पी. आन्दोलन में सक्रियता के चलते उन्हें मीसा (MISA) में भी गिरफ्तार किया गया।  ओझा जी ट्रेड यूनियनिस्ट भी रहे हैं। 


और यही नहीं।  आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा एक आदर्श, निष्पक्ष एवं निर्भय शिक्षक के साथ साथ  एक प्रसिद्ध साहित्यकार-रचनाकार भी रहे हैं, कवि भी, समालोचक-समीक्षक  भी, चर्चित पत्र-लेखक भी - एक लब्धप्रतिष्ठित ललित निबंधकार भी। और हाँ - एक अत्यंत प्रभावशाली वक्ता भी। आपको मैं ये भी बताना  चाहूँगा कि ओझा जी एक सफल निर्देशक भी थे। साठ  के दशक में  बिहार के चम्पारण जैसे उपेक्षित क्षेत्र में अंग्रेजी विभाग के वार्षिकोत्सव के अवसर पर आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा ने शेक्सपियर के एक अत्यंत कठिन नाटक ‘A Midsummer Night’s Dream’ का मंचन अपने ही निर्देशन और निगरानी में कराया। इस नाटक को बड़े ही कुशल तरीके से रंगमंच पर प्रस्तुत किया गया जिसके लिए निर्देशक ओझा जी के प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की गयी।  


और एक बात। साठ के दशक के प्रारम्भ में आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय, बेतिया के क्रीड़ा-विभाग के अध्यक्ष  भी रहे थे और साथ ही कॉलेज की फुटबॉल टीम के एक खिलाड़ी भी।  बाहर की कई प्रतियोगिताओं में ओझा जी ने प्रतिनिधित्व भी किया।  किन्तु कुछ साल बाद उनकी अभिरुचि में परिवर्तन हुआ और वे लॉन टेनिस के बहुत ही अच्छे खिलाड़ी के रूप में चर्चित हो गए।  लॉन टेनिस के प्रति उनका आकर्षण इतना बढ़ा कि उसको वे एक सुन्दरी के रूप में देखने लगे और उस पर एक अत्यंत रोचक-रुचिकर ललित निबंध  ‘टेनिस-सुन्दरी’   लिख डाला  जो अति चर्चित व प्रशंसित हुआ। ऐसा कहा जाता है कि ओझा जी क्लास में पढ़ाने तथा टेनिस खेलने में कभी भी अवकाश नहीं लेते थे - इसीलिए उन्हें Tennis Edict भी कहा जाने लगा। अब आपको स्पष्ट हो गया होगा कि इस पुस्तक का नाम ‘टेनिस-सुन्दरी’ क्यों रखा गया है ? यह निबंध इस पुस्तक का एक विशेष निबंध है।  ‘विप्राः बहुधा वदन्ति’ पुस्तक के एक प्रसंग में उस समय के एक आई.ए.एस अधिकारी श्री जे. एस. बरारा का वक्तव्य उद्धृत है जिसमें वे कहते हैं , “ ओझा जी विश्व के एकमात्र खिलाड़ी हैं जो धोती पहनकर भी इतना अच्छा टेनिस खेल सकते हैं । यह टेनिस का भारतीयकरण है।”


इसके अतिरिक्त इस पुस्तक में एक रोचक निबंध  ‘के. आर. स्कूल’ पर भी है जिसके प्रांगण पर आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा मुग्ध रहे हैं, मोहित रहे हैं और तभी तो उन्होंने इस स्कूल पर भी अपनी लेखनी चला दी। संयोग से   इस स्कूल के प्रांगण में ही वह हार्ड कोर्ट है  जहाँ ओझा जी टेनिस खेलने प्रायः जाया करते थे। बेतिया का के. आर. हाई स्कूल उत्तर बिहार के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में से एक है जहां से मैंने भी पढ़ाई की है और मेरा छोटा भाई संजय कुमार ओझा ने भी जो भारतीय वन सेवा  का उच्चाधिकारी है।  


 एक अद्भुत निबंध आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा ने अपने गाँव के ऊपर भी लिखा है। अपने गाँव से ओझा जी का लगाव-जुड़ाव होना उनको अपनी जड़ों से जोड़ता है और यह निबंध भी इस पुस्तक में स्थान पाता है।  साथ ही खेती से जुड़े जो उनके दिलचस्प अनुभव हैं  उस पर आधारित निबंध भी इस पुस्तक में लिया गया है। ज्योतिषी से भेंट होने पर जो एक असाधारण अनुभव उन्हें होता है उस पर आधारित निबंध भी इस पुस्तक में शामिल है।  आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा द्वारा लिखित कुछ और  रोचक निबंध भी इस पुस्तक में  सम्मिलित किये गए हैं जो इस पुस्तक को पठनीय तथा मननीय बनाते हैं।  


इस पुस्तक में जो भी त्रुटियाँ या अशुद्धियाँ रह गयीं हों उनके लिए मैं अपने को दोषी मानता हूँ।  वैसे मैंने भरसक प्रयत्न किया है कि गलतियाँ नहीं के बराबर हों पर मानवीय भूल से इंकार नहीं किया जा सकता।  मेरा अनुरोध है कि सुधी-सजग पाठक इस ओर भी मेरा ध्यान आकर्षित करेंगे। 


अब मैं आपके सामने से अपने आप को अविलम्ब हटा रहा हूँ ताकि आप शीघ्र ही इन रोचक व रुचिकर निबंधों के इस मनलुभावन उद्यान में स्वतंत्र विचरण-विहरण कर सकें। जय हिंद, जय भारत !


सधन्यवाद।                                                 

                                                            डॉ अजय कुमार ओझा 

पूर्व संवाददाता, यूनाइटेड न्यूजपेपर्स, दिल्ली  

पूर्व वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी (दूरदर्शन) 

भारतीय प्रसारण सेवा 

एडवोकेट, भारत का सर्वोच्च न्यायालय 

                                              ई-मेल : ajayojha60@gmail.com 

संपर्क : 9968270323 








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