From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha :
Nature Dawn Painting on 16 January 2021
(The whole article along with all the images are subject to IPR)
स्वदेशी कोरोना महावैक्सीनेशन के शुभारम्भ पर
देशवासियों को अनेक अनेक शुभकामनाएँ !
(इस शताब्दी का विश्व के सबसे बड़े टीकोत्सव (टीकाकरण ) का शुभारम्भ)
प्रत्येक भारतवासी इस ऐतिहासिक अनुपम उपलब्धि पर गौरवानुभव कर रहा है।
सुभाषितानि
संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं प्रेरणादायी हैं प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं।
"व्यायामात् लभते स्वास्थ्यं दीर्घायुष्यं बलं सुखं।
आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्।।"
Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha |
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