Friday, January 1, 2021

From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : Nature Dawn Painting on 02 January 2021

                               From the Eyes of Dr Ajay Kumar Ojha : 

Nature Dawn Painting on 02 January 2021

(The whole article along with all the images  are subject to IPR)



"शुभम् नव आंग्लवर्षम् 2021" 


सुभाषितानि 



संस्कृत भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा है एवं विश्व की सभी भाषाओं में  वैज्ञानिक भी। भारतीय संस्कृति में संस्कृत भाषा का अत्यन्त महत्त्व है। संस्कृत भाषा को देव भाषा भी कहते हैं। हमारे ऋषि-मनीषियों ने अपनी  व्यक्तिगत साधना, अनुभव तथा ज्ञान के आधार पर अनेकानेक श्लोकों की रचना की हैं जो समस्त मानव के लिए ज्ञानदायी हैं  प्रेरणादायी हैं  प्रोत्साहनदायी हैं कल्याणकारी हैं।


  "आतुरे  व्यसने  प्राप्ते  दुर्भिक्षे  शत्रुसङ्कटे । 
       राजद्वारे श्मशाने च यात्तिष्ठति स बान्धवः।।"
  
आतुर यानी रोग होने पर, किसी व्यसन में संलिप्त होने पर, दुर्भिक्ष यानी अकाल होने पर, शत्रु द्वारा संकट उपस्थित होने पर, राजद्वार(सरकारी कार्यालय तथा न्यायलय) में उपस्थित होने के समय एवं श्मशान घाट पर जो ठहरता है साथ देता है वही बान्धव है मित्र है। 
                                                                                   आचार्य चाणक्य  




Image (C) Dr Ajay Kumar Ojha 


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