"विप्राः बहुधा वदन्ति"
रवीन्द्र नाथ ओझा के व्यक्तित्व का बहुपक्षीय आकलन
"विप्राः बहुधा वदन्ति " एक अनुपम व अद्वितीय स्मारिका है जो महान विभूति रवीन्द्र नाथ ओझा की जीवन-कथा से जुड़ी है। प्रो रवीन्द्र नाथ ओझा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की , उनके जीवन के विविध रंगों की, विविध पक्षों की, यानि उनके समग्र की यदि इकट्ठे एक ही स्थान पर झलक पाना हो तो यह स्मारिका एक इनसाइक्लोपीडिया का काम करेगी - प्रो. रवीन्द्र नाथ ओझा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की इनसाइक्लोपीडिया।यह स्मारिका न तो कोई अभिनंदन ग्रन्थ है और न ही किसी एक व्यक्ति द्वारा निरूपित सीमित दृष्टि वाली जीवन-कथा अपितु यह तो अनेकों अलग -अलग व्यक्तियों द्वारा अलग -अलग दृष्टियों से प्रकट की गयी बेबाक अभिव्यक्तियों का एक मौलिक उद्घाटन है। अपने - अपने स्वतंत्र दृष्टिकोणों से किया गया ओझा जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का एक निरपेक्ष , निष्पक्ष , बेबाक लेखा - जोखा। 'रवीन्द्र नाथ ओझा : व्यक्ति एक अभिव्यक्तियाँ अनेक ' के माध्यम से रवीन्द्र नाथ के 'व्यक्ति ' को आप उसके भीतर तक समझ पायेंगे , और उसके ज्ञान -गह्वर में भीतर तक प्रविष्ट हो पायेंगे और जहाँ आपका परिचय होगा एक शलाका पुरुष से, एक प्रकाश -स्तंभ से। एक ऐसे प्रकाश -स्तंभ से जो जीवन -जगत के प्रति आपको एक नयी चिन्तन -दृष्टि देगा और आपके भीतर संचारित करेगा - एक नयी ऊर्जा , एक नया उत्साह , एक नयी संजीवनी और आपको नवाजेगा एक प्रेरणादायी - स्फूर्तवान अभिनव जीवन - दर्शन।
प्रो (डॉ ) रवीन्द्र नाथ ओझा की अब तक प्रकाशित सभी पुस्तकें www.rabindranathojha.com पर भी डिजिटली पढ़ी जा सकती हैं।
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