Thursday, August 21, 2025

Bharatiya Kshetriya Patrakar Sangh | Sanatan Shodh Sansthan | New Delhi | Rashtriya Sikh Sangat


Bharatiya Kshetriya Patrakar Sangh | Sanatan Shodh Sansthan | New Delhi | Rashtriya Sikh Sangat


Dr Ajay Kumar Ojha received "Patrakarita Ratna Samman" 




Tuesday, August 19, 2025

एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन " नागरी लिपि : वैश्विक स्तर पर प्रभाव और स्वीकार्यता"

 

एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन " नागरी लिपि : वैश्विक स्तर पर प्रभाव और स्वीकार्यता"



19 अगस्त 2025 को शेवलियेर टी. थॉमस एलिज़ाबेथ महाविद्यालय, (Chevalier T. Thomas Elizabeth College for Women, Chennai Tamil Nadu) और नागरी लिपि परिषद् (Nagari Lipi Parishad) नई दिल्ली, तमिलनाडु शाखा चेन्नई के संयुक्त तत्वावधान में  एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन (One Day International Conference) का आयोजन किया गया।  शीषर्क था " नागरी लिपि : वैश्विक स्तर पर प्रभाव और स्वीकार्यता"

यह सम्मेलन सुबह 10 से लेकर 2 बजे तक आभासी पटल पर आयोजित किया गया। 

बीच बीच में इंटरनेट के व्यवधान के बावजूद भी यह सम्मेलन  अपने उद्देश्यों की पूर्ति में पूर्णतः सफल रहा।  इस कार्यक्रम में देश-विदेश के नागरी प्रेमी और नागरी सेवियों  ने हिस्सा लिया।  युवा शोधार्थियों द्वारा बिना किसी हिचक व संकोच के पूरे आत्मविश्वास के साथ सहज तरीके से अपनी बातें रखना और वह भी एक अहिंदी प्रदेश से अत्यंत रोचक और प्रेरणादायी रहा।  ऐसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नागरी लिपि और हिंदी भाषा के शोधार्थियों को नागरी लिपि परिषद् द्वारा अवसर प्रदान करना एक अत्यंत ही सराहनीय कदम  है।  

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे नागरी लिपि परिषद् के महामंत्री डॉ. हरिसिंह पाल। विशिष्ट अतिथि थे वरिष्ठ रचनाकार एवं अध्यक्ष साझा संसार फाउंडेशन, नीदरलैंड्स डॉ. रामा तक्षक।  वक्ता थे :

डॉ. प्रेमचंद पातंजलि 

डॉ. राजलक्ष्मी कृष्णन 

डॉ. रश्मि चौबे 

 मैं यानी डॉ. अजय कुमार ओझा (Dr. Ajay Kumar Ojha) तो  इस कार्यक्रम से वैसे ही जुड़ा था एक श्रोता के रूप में, पर मुझे भी मुख्य अतिथि द्वारा अचानक आमंत्रित कर दिया गया अपने वक्तव्य देने के लिए।  मैंने भी बिना किसी पूर्वचिंतन के बिना किसी पूर्व तैयारी के अनायास ही अचानक ही अपने अनुभवों पर आधारित नागरी  लिपि के प्रचार-प्रसार और संवर्धन के लिए मेरे द्वारा  किये जा रहे प्रयासों को रेखांकित किया।  और प्रयासों के अतिरिक्त बिहार के पश्चिम चम्पारण के थारू आदिवासियों  (Tharu Tribe of West Champaran) के बीच किए जा रहे प्रयासों की भी चर्चा की। 

किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर वक्तव्य देने का मुझे सुअवसर प्राप्त हुआ इसके लिए मैं नागरी लिपि परिषद् का आभारी हूँ। अपनी व्यस्तताओं के चलते वैसे मैं बहुत काम ही आभासी पटल पर हो रहे कार्यक्रमों से जुड़ पाता हूँ।  

इस कार्यक्रम का संचालन भी सराहनीय तथा प्रशंसनीय था।  बिना झिझक यह कहा जा सकता है कि यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन बड़ा ही रोचक था और बड़ा ही सूचनात्मक।  








डाॅ. अजय कुमार ओझा स्वर्ण जयंती नागरी सम्मान से सम्मानित (Swarn Jayanti Nagari Samman to Dr. Ajay Kumar Ojha)

डाॅ. अजय कुमार ओझा स्वर्ण जयंती नागरी सम्मान से सम्मानित




 18 अगस्त 2025 को दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज महाविद्यालय में आयोजित नागरी लिपि परिषद के भव्य स्वर्ण जयंती समारोह में डाॅ. अजय कुमार ओझा (Dr. Ajay Kumar Ojha) को नागरी लिपि के प्रचार-प्रसार एवं संवर्धन में सक्रिय तथा विशिष्ट योगदान के लिए स्वर्ण जयंती नागरी सम्मान (Swarn Jayanti Nagari Samman)से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर डाॅ अजय कुमार ओझा द्वारा नागरी लिपि के स्वर्णिम सफर पर तैयार की गई लघु वीडियो फिल्म को भी प्रदर्शित किया गया । इस वीडियो फिल्म का आलेख एवं पार्श्व स्वर जानी-मानी समाचार वाचिका-उद्घोषिका रत्ना पाण्डेय का है । नागरी लिपि परिषद पर बनाई गई ‌इस वीडियो फिल्म की भूरि भूरि प्रशंसा हुई।

इस सम्मान से‌ संबंधित कुछ ‌चित्रों के साथ आपको छोड़े जा‌ रहा हूं।

















नागरी लिपि परिषद का स्वर्ण जयंती समारोह (Golden Jubilee Celebrations of Nagari Lipi Parishad)


नागरी लिपि परिषद का स्वर्ण जयंती समारोह 

(Golden Jubilee Celebrations of Nagari Lipi Parishad)



 



आचार्य विनोबा भावे की सत्प्रेरणा से स्थापित नागरी लिपि परिषद का स्वर्ण जयंती समारोह दिल्ली विश्वविद्यालय में स्थित हंसराज महाविद्यालय के पद्मभूषण ज्ञान प्रकाश चोपड़ा संगोष्ठी कक्ष में 18 अगस्त को बहुत धूमधाम से मनाया गया।

इस शुभ अवसर पर देश-विदेश के प्रख्यात साहित्यकार-रचनाकार-शिक्षाविद-नागरी लिपि सेवी व्यक्तिगत रूप से तथा आभासी रुप से इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में‌ सम्मिलित हुए।

इस समारोह में नागरी लिपि परिषद की मुख-पत्रिका "नागरी संगम" के स्वर्ण जयंती विशेषांक का लोकार्पण किया गया । इस विशेषांक में प्रख्यात और दिग्गज नागरी लिपि विद्वानों और प्रेमियों के पूर्व प्रकाशित आलेखों को पुनः प्रस्तुत किया गया है । परिषद के कार्यों का संक्षिप्त परिचय भी दिया गया है ।

इस प्रतिष्ठित व ऐतिहासिक समारोह में "नागरी लिपि के स्वर्णिम सफर" पर एक लघु वीडियो फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया । साक्षात्कार व संपादन के साथ साथ इस फिल्म की प्रस्तुति डाॅ. अजय कुमार ओझा की थी। आलेख एवं पार्श्व स्वर था रत्ना पाण्डेय का।
इस ऐतिहासिक समारोह में नागरी लिपि के प्रचार-प्रसार में अपने को समर्पित करने वाले नागरी लिपि सेवियों को स्वर्ण जयंती सम्मान से सम्मानित किया गया।

मंच पर उपस्थित थे :
श्री राम चन्द्र राही (अध्यक्ष, केन्द्रीय गांधी स्मारक निधि)
डॉ. प्रेमचंद पातंजलि (अध्यक्ष, नागरी लिपि परिषद)
डाॅ. हरिसिंह पाल (महामंत्री, नागरी लिपि परिषद)
डाॅ. किरण हजारिका
श्री गोपाल बघेल (कनाडा)

इस समारोह का सफल आयोजन हंसराज महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रमा शर्मा के सहयोग के बिना‌ संभव नहीं ‌था ।

अतिथियों के आगमन और दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत रायपुर से पधारीं डॉ. मुक्ता कौशिक ने नागरी वंदना प्रस्तुत की। नागरी लिपि के कोषाध्यक्ष आचार्य ओम प्रकाश ने नागरी लिपि के लक्ष्य एवं उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी। नागरी संगम विशेषांक की समीक्षा श्री अरुण कुमार पासवान और डॉ. इस्पाक अली ने की। आभासी पटल पर नागरी लिपि सेवियों को जोड़ने की भूमिका डॉ. रश्मि चौबे ने निभाई।

कुल मिलाकर नागरी लिपि परिषद का यह स्वर्ण जयंती समारोह अत्यंत सफल रहा ।
इस समारोह के कुछ चित्रों के साथ आपको छोड़ जा रहा‌ हूं।
बहुत बहुत धन्यवाद।

































































Sunday, August 17, 2025

नागरी लिपि परिषद का स्वर्णिम सफर (Golden Journey of Nagari Lipi Parishad)

नागरी लिपि परिषद का स्वर्णिम सफर 
(Golden Journey of Nagari Lipi Parishad)


आचार्य विनोबा भावे (Acharya Vinoba Bhave) की सत्प्रेरणा से नागरी लिपि परिषद की स्थापना 17 अगस्त 1975 को हुई थी यानी नागरी लिपि परिषद (Nagari Lipi Parishad) अपनी स्थापना का स्वर्णिम सफर तय कर रहा है।
नागरी लिपि के प्रचार-प्रसार तथा उसकी उपयोगिता को जन‌ जन तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम है नागरी लिपि परिषद। नागरी लिपि परिषद संकल्पित है‌ भारतीय भाषाओं को एक सूत्र में बांधने हेतु नागरी को संपर्क लिपि के रूप में विकसित करने के लिए।
परिषद इस बात पर भी जोर देती है कि बोलियों और प्रादेशिक भाषाओं की प्रस्तुति नागरी लिपि के माध्यम से ही‌ हो । परिषद न केवल देश को वरन् पूरे विश्व को नागरी लिपि के माध्यम से एक सूत्र में बांधने की दिशा में अग्रसर है ।
नागरी लिपि परिषद का कार्यालय दिल्ली के राजघाट में है। गांधी स्मारक निधि के परिसर में । एक छोटे से कमरे से एक बड़े उद्देश्य की प्राप्ति के लिए नागरी लिपि परिषद नित्य निरंतर कार्यरत हैं ।
लीजिए इस शुभ अवसर पर प्रस्तुत है नागरी लिपि के स्वर्णिम सफर पर एक छोटा सा वृत्त चित्र।
आलेख एवं पार्श्व स्वर : रत्ना पाण्डेय
Script & Voice : Ratna Pandey

साक्षात्कार, संपादन एवं प्रस्तुति : डाॅ. अजय कुमार ओझा
Interview, Editing & Produced by : Dr. Ajay Kumar Ojha









Sunday, August 10, 2025

Dr Ajay Kumar Ojha 's Three Books Released in Delhi Book Fair 2025 in Bharat Mandapam Delhi

 

Dr Ajay Kumar Ojha 's Three Books Released in Delhi Book Fair 2025 in Bharat Mandapam Delhi


7 अगस्त 2025 को दिल्ली के भारत मण्डपम्‌ (Bharat Mandapam) में दिल्ली पुस्तक मेला (Delhi Book Fair) के अन्तर्गत ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (Authors Guild of India) द्वारा "पुस्तक लोकार्पण, परिचर्चा और कवि गोष्ठी" का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में‌ पूरे देश से‌ आए हुए प्रसिद्ध साहित्यकार, कवि‌ तथा साहित्य प्रेमी उपस्थित थे । इस भव्य समारोह में‌ देश के‌ प्रख्यात साहित्यकारों व विद्वानों के‌ द्वारा मेरे‌ तीन‌‌ पुस्तकों का लोकार्पण किया गया।

1. फूटा बसंत आज मौसम में
2. एक बुढ़िया की 'अधूरी' कहानी
3. Demystifying the Origin of Tharus

















मंच पर आसीन थे‌ - डाॅ मुकेश अग्रवाल, डाॅ वीरेंद्र शेखर, डाॅ हरिसिंह पाल (महामंत्री, नागरी लिपि परिषद), श्री राकेश पाण्डेय, डाॅ शिवशंकर अवस्थी (महामंत्री, ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया) और प्रो. हरीश अरोड़ा। "पुस्तक लोकार्पण व परिचर्चा" की अध्यक्षता डाॅ मुकेश अग्रवाल ने की।

इस आयोजन के कवि गोष्ठी की अध्यक्षता डाॅ दिविक रमेश ने की। और सफल संचालन प्रसिद्ध साहित्यकार श्री अरूण कुमार पासवान ( सेवा निवृत्त भारतीय प्रसारण सेवा के वरिष्ठ आकाशवाणी अधिकारी) ने की।
इस कार्यक्रम में मुझे बाबूजी आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा की कविता 'छलके छलके नयनियाॅं के कोर " की गीतमय प्रस्तुति करने का भी सुअवसर प्राप्त हुआ।























डॉ. अजय कुमार ओझा द्वारा गीतमय काव्य पाठ


डॉ. अजय कुमार ओझा द्वारा गीतमय काव्य पाठ