Tuesday, November 29, 2022
"Sagun & Nirgun Bhakti Dhara"| Triveni Kala Sangam| Mandi House New Delhi| Pt. Sujit Kumar Ojha
Wednesday, November 23, 2022
'गीता भवन' ऋषिकेश के सबसे प्राचीन तीर्थ परिसरों में से एक | Geeta Bhawan Rishikesh | Uttarakhand
Monday, November 21, 2022
Satlujites JNUites Reminiscences| JNU|Avijit Pathak|Nabin Pradan|Dr Ajay Ojha|याद न जाए बीते दिनों की
An Encounter with Ishwar'-Dr Ajay Ojha| 'हॉं मैंने ईश्वर को देखा' - डाॅ अजय ओझा| Rishikesh|ऋषिकेश
Sunday, November 20, 2022
पूरे भारतवर्ष में बिहार(Bihar) ही एक ऐसा प्रान्त है जिसकी अन्तर्राष्ट्रीयता स्थापित है -Rakesh Sinha
India Coffee House of JNU|1st Coffee House in a University Campus| Nirmala Sitaraman|Avijit Pathak
Tuesday, November 15, 2022
'पुस्तकायन'- पुस्तक मेला|साहित्य अकादेमी|संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार|नागरी लिपि परिषद् |Book Fair
13th Maulana Azad Memorial Lecture| Avijit Pathak-'Classroom is a site of silent revolution'| NIEPA
Sunday, November 6, 2022
मिट्टी के पेड़े का भोग लगने वाला एकमात्र मंदिर|Brahmand Ghat|ब्रह्माण्डघाट|गोकुल मथुरा|उत्तर प्रदेश
Wednesday, November 2, 2022
रमणरेती|रमणरेती मन्दिर|गोकुल मथुरा।उत्तर प्रदेश|मिट्टी में लोटने का माहात्म्य|RamanReti|GokulMathura
Tuesday, November 1, 2022
"भइया के मथवा पर दुतिया के चानवा" -डॉ सुशीला ओझा (Dr Susheela Ojha) : भाई दूज विशेष (भोजपुरी)
"भइया के मथवा पर दुतिया के चानवा" -डॉ सुशीला ओझा
भाई दूज विशेष (भोजपुरी)
डॉ सुशीला ओझा वरिष्ठ साहित्यकार, शिक्षाविद् व संस्कृतिकर्मी |
भइया के मथवा पर दुतिया के चानवा
उतारब.. .. शिवत्व से भराईब
माथवा..
भालवा पर लगाईब दही, रोली अक्षत वा के मंगल तिलकवा
लड़के यम से मांगब भइया के आयु.. यशवा, परतिष्ठवा..
दाहिन हाथ पुजब दहिया रो लिया राखब.. पान कसैलिया..
हाथवा पर राखब "बजड़ी दहिया के छलिया में" बजड़ होआईहे भइया के देहिया..
सातो अन्हरिया से लड़ि के रण जीति अइले भइया...
जानत बाड़े यम सती के परतातवा..
शापित भाई के छुए ही ना पावे ले.. युग युग जियस मोरा भइया..
अन्हरिया चीरिके भइया के बढ़ेला परतापवा..
बहिनी के प्रेम में पगा
गइले यम आवे ले आजु यमी के
दुआरिया...
भाई बहिना के प्रेम पवितरवा लड़ि आईली बहिनी यम के दुआरिया..
भइया के हाथे कवलवा मुह
शो भेला विरवा
सभवा बइठ ले भइया हमार
भउजो के बाढ़ो सिर के सेनुरवा..
गइया बाढ़ो, बाढ़ो बछरुआ
दूध, घी, दही, मुत्र, आउरी गोबरवा बनी पंचगव्य
होई शुभ अंगना दुअरवा
गईया के घिउवा के दियरा
जरा के भइया के करब
अरतिया..
युग युग जिय भइया..
माथवा पर सोभे दुतिया के चानवा, भालवा पर सोभे तिलकवा, हाथवा पुजि पुजि बहिनी देली आसिरवादवा... जिअहुं ए मोरा भइया
इ आसिरवादवा भइया के कवचवा..
बहिनी मनावे ली
भइया के मंगलवा..
युगे युगे जिय भईया तोहरा लागे बहिनी
के लागे उमरिया
डॉ सुशीला ओझा
बेतिया, प. चम्पारण