Sunday, May 11, 2014

WHY ONLY ONE DAY FOR MOTHER?

WHY ONLY ONE DAY FOR MOTHER?

(All the images & poem subject to IPR)


O' Mother Shower Love
Shower Love  O'Mother

Mamtamayee Karunamayee Maa Radhika Devi

जहाँ है तेरे पाँव वहीँ है शीतल  छाँव 
वहीँ  है शीतल छाँव जहाँ है तेरे पाँव
माँ, मेरी  माँ, मेरी माँ, मेरी माँ 

ये  क्या   है  दुनिया  का    खेला 
Mothers को एक day में धकेला 
मेरे  लिए  तो   हर  पल हर क्षण
माँ     की   ममता     का  है रेला 


Mamtamayee Karunamayee Maa Radhika Devi


अब  प्यार बयार    बहा  दो माँ 
ममता  से    नहला    दो    माँ 
माँ, मेरी  माँ, मेरी माँ, मेरी माँ 

Mamtamayee Karunamayee Maa Radhika Devi with son Dr Ajay Kumar Ojha


जहाँ है तेरे पाँव वहीँ है शीतल  छाँव 
वहीँ है शीतल छाँव जहाँ है तेरे पाँव
                              माँ, मेरी  माँ, मेरी माँ, मेरी माँ 

Mamtamayee Karunamayee Maa Radhika Devi giving blessing to his son



शब्द  डॉ अजय कुमार ओझा 






 आईये आज हम करें प्रतिज्ञा  

हर पल, हर क्षण, करेंगे हम माँ  का सम्मान

और अहर्निश  करेंगे हम  धरती माँ  की  रक्षा 






































































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