विश्व पुस्तक मेला 2025 में आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा को "श्रेष्ठ काव्यरत्न सम्मान"
(Late Acharya Rabindra Nath Ojha gets "Shreshtha Kavya Ratna Samman" in World Book Fair 2025)
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दिल्ली के भारत मंडपम में विश्व पुस्तक मेला-2025 के हॉल नंबर 2 के लेखक मंच पर नागरी लिपि परिषद् और नेशनल बुक ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 3 फरवरी 2025 को दो अन्तरराष्ट्रीय साझा काव्य संकलन क्रमशः "राम से बड़ा राम का नाम" तथा "जय हिन्दी जय हिन्द" का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर मंच पर उपस्थित थे - श्री सुनील कुमार सिंह (भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद्), डॉ शिवशंकर अवस्थी (महासचिव, ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया), डॉ सुनील कुलकर्णी (निदेशक, केन्द्रीय हिंदी संस्थान), डॉ मनमोहन शर्मा'शरण' (अनुराधा प्रकाशन), डॉ प्रेमचंद पातंजलि (अध्यक्ष, नागरी लिपि परिषद्), डॉ अजय कुमार ओझा और डॉ हरिसिंह पाल (महासचिव, नागरी लिपि परिषद् )।
इन दोनों अंतरराष्ट्रीय साझा संकलन में आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा की भी स्तरीय कविताएं शामिल की गयीं हैं। अनुराधा प्रकाशन के डॉ मनमोहन शर्मा 'शरण' ने इस अवसर पर आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा को "श्रेष्ठ काव्यरत्न सम्मान " से सम्मानित किया जिसको उनके पुत्र डॉ अजय कुमार ओझा ने ग्रहण किया। साथ में दोनों पुस्तकें भी डॉ ओझा को भेंट की गयीं।
बिहार के बक्सर जिले के बड़का सिंघनपुरा गाँव के आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा बिहार विश्वविद्यालय के महारानी जानकी कुँवर महाविद्यालय बेतिया में स्नातकोत्तर अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष थे। हिंदी जगत में एक निबंधकार, कवि, समीक्षक, पत्र-लेखक के रूप में डॉ ओझा का एक विशिष्ट स्थान है।
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