Tuesday, February 4, 2025

विश्व पुस्तक मेला-2025 में डॉ अजय ओझा की पुस्तक "सूअर बड़ा कि मैं " का लोकार्पण

 

 विश्व पुस्तक मेला-2025 में डॉ अजय ओझा की पुस्तक (ललित निबंध संग्रह) "सूअर बड़ा कि मैं  " का लोकार्पण 

(Release of Dr Ajay Kumar Ojha's Book "Suar Bada Ki Main" in World Book Fair-2025)






 



दिल्ली के भारत मंडपम में  विश्व पुस्तक मेला-2025 के हॉल नंबर 2 के लेखक मंच पर नागरी लिपि परिषद् और नेशनल बुक ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 3  फरवरी  2025  को  आयोजित एक कार्यक्रम में आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा की  अद्भुत रचनाओं पर आधृत तथा डॉ अजय कुमार ओझा द्वारा संकलित व संपादित पुस्तक "सूअर बड़ा कि मैं"  का लोकार्पण  किया गया। इस अवसर पर मंच पर उपस्थित थे - श्री सुनील कुमार सिंह (भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद्), डॉ शिवशंकर अवस्थी (महासचिव, ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया), डॉ सुनील कुलकर्णी (निदेशक, केन्द्रीय हिंदी संस्थान), डॉ प्रेमचंद पातंजलि (अध्यक्ष, नागरी लिपि परिषद्), डॉ  अजय कुमार ओझा और डॉ हरिसिंह पाल (महासचिव, नागरी लिपि परिषद् )।  

बिहार के  बक्सर (Buxar) जिले के बड़का सिंघनपुरा (Badaka Singhanpura) गाँव  के आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा (Acharya Rabindra Nath Ojha) बिहार विश्वविद्यालय के महारानी जानकी कुँवर महाविद्यालय बेतिया ( M. J. K. College, Bettiah)  स्नातकोत्तर अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष थे। हिंदी जगत में एक निबंधकार, कवि, समीक्षक, पत्र-लेखक के रूप में  डॉ ओझा का एक विशिष्ट स्थान है। 

यह पुस्तक लोकमित्र प्रकाशन, दिल्ली द्वारा प्रकाशित की गयी है। 

विश्व पुस्तक मेला-2025 में डॉ अजय ओझा की पुस्तक "मैं गीध होना चाहता हूँ" का लोकार्पण

 विश्व पुस्तक मेला-2025 में डॉ अजय ओझा की पुस्तक (ललित निबंध संग्रह) "मैं गीध होना चाहता हूँ" का लोकार्पण 

(Release of Dr Ajay Kumar Ojha's Book "Main Geedh Hona Chahta Hoon" in World Book Fair-2025)

















दिल्ली के भारत मंडपम में  विश्व पुस्तक मेला-2025 के हॉल नंबर 2 के लेखक मंच पर नागरी लिपि परिषद् और नेशनल बुक ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 3  फरवरी  2025  को  आयोजित एक कार्यक्रम में आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा की  अद्भुत रचनाओं पर आधृत तथा डॉ अजय कुमार ओझा द्वारा संकलित व संपादित पुस्तक " मैं गीध होना चाहता हूँ"  का लोकार्पण  किया गया। इस अवसर पर मंच पर उपस्थित थे - श्री सुनील कुमार सिंह (भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद्), डॉ शिवशंकर अवस्थी (महासचिव, ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया), डॉ सुनील कुलकर्णी (निदेशक, केन्द्रीय हिंदी संस्थान), डॉ प्रेमचंद पातंजलि (अध्यक्ष, नागरी लिपि परिषद्), डॉ  अजय कुमार ओझा और डॉ हरिसिंह पाल (महासचिव, नागरी लिपि परिषद् )।  

बिहार के  बक्सर (Buxar) जिले के बड़का सिंघनपुरा (Badaka Singhanpura)गाँव  के आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा बिहार विश्वविद्यालय के महारानी जानकी कुँवर महाविद्यालय बेतिया (M.J.K. College, Bettiah)  स्नातकोत्तर अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष थे। हिंदी जगत में एक निबंधकार, कवि, समीक्षक, पत्र-लेखक के रूप में  डॉ ओझा का एक विशिष्ट स्थान है। 

यह पुस्तक अनुराधा प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित की गयी है। 































































विश्व पुस्तक मेला-2025 में डॉ अजय ओझा की पुस्तक (भोजपुरी) "छलके छलके नयनियाँ के कोर " का लोकार्पण

 विश्व पुस्तक मेला-2025 में डॉ अजय ओझा की पुस्तक (भोजपुरी कविता  संग्रह) "छलके छलके नयनियाँ के कोर " का लोकार्पण 

(Release of Dr Ajay Kumar Ojha's Book "Chhalke Chhalke Nayaniyan Ke Kor " in World Book Fair-2025)























दिल्ली के भारत मंडपम में  विश्व पुस्तक मेला-2025 के हॉल नंबर 2 के लेखक मंच पर नागरी लिपि परिषद् और नेशनल बुक ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 3  फरवरी  2025  को  आयोजित एक कार्यक्रम में आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा की  भोजपुरी कविताओं पर आधृत तथा डॉ अजय कुमार ओझा द्वारा संकलित व संपादित पुस्तक "छलके छलके नयनियाँ के कोर "  का लोकार्पण  किया गया। इस अवसर पर मंच पर उपस्थित थे - श्री सुनील कुमार सिंह (भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद्), डॉ शिवशंकर अवस्थी (महासचिव, ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया), डॉ सुनील कुलकर्णी (निदेशक, केन्द्रीय हिंदी संस्थान), डॉ प्रेमचंद पातंजलि (अध्यक्ष, नागरी लिपि परिषद्), डॉ  अजय कुमार ओझा और डॉ हरिसिंह पाल (महासचिव, नागरी लिपि परिषद् )।  

बिहार के  बक्सर (Buxar) जिले के बड़का सिंघनपुरा (Badaka Singhanpura) गाँव  के आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा (Acharya Rabindra Nath Ojha) बिहार विश्वविद्यालय के महारानी जानकी कुँवर महाविद्यालय बेतिया ( M. J. K. College, Bettiah)  स्नातकोत्तर अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष थे। हिंदी जगत में एक निबंधकार, कवि, समीक्षक, पत्र-लेखक के रूप में  डॉ ओझा का एक विशिष्ट स्थान है। 

यह पुस्तक अनुराधा  प्रकाशन, दिल्ली द्वारा प्रकाशित की गयी है। 


Monday, February 3, 2025

विश्व पुस्तक मेला 2025 में आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा को "श्रेष्ठ काव्यरत्न सम्मान"

 विश्व पुस्तक मेला 2025 में आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा को "श्रेष्ठ काव्यरत्न  सम्मान" 

(Late Acharya Rabindra Nath Ojha gets "Shreshtha Kavya Ratna Samman" in World Book Fair 2025)

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दिल्ली के भारत मंडपम में  विश्व पुस्तक मेला-2025 के हॉल नंबर 2 के लेखक मंच पर नागरी लिपि परिषद् और नेशनल बुक ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 3  फरवरी  2025  को दो अन्तरराष्ट्रीय साझा काव्य संकलन  क्रमशः "राम से बड़ा राम का नाम" तथा "जय हिन्दी  जय हिन्द"  का लोकार्पण  किया गया। इस अवसर पर मंच पर उपस्थित थे - श्री सुनील कुमार सिंह (भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद्), डॉ शिवशंकर अवस्थी (महासचिव, ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया), डॉ सुनील कुलकर्णी (निदेशक, केन्द्रीय हिंदी संस्थान), डॉ मनमोहन शर्मा'शरण' (अनुराधा प्रकाशन), डॉ प्रेमचंद पातंजलि (अध्यक्ष, नागरी लिपि परिषद्), डॉ  अजय कुमार ओझा और डॉ हरिसिंह पाल (महासचिव, नागरी लिपि परिषद् )।  

इन  दोनों  अंतरराष्ट्रीय साझा संकलन में आचार्य  रवीन्द्रनाथ ओझा की भी स्तरीय कविताएं शामिल की गयीं हैं।  अनुराधा प्रकाशन के डॉ मनमोहन शर्मा 'शरण' ने  इस अवसर पर आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा को "श्रेष्ठ  काव्यरत्न सम्मान " से सम्मानित किया जिसको उनके पुत्र डॉ अजय कुमार ओझा ने ग्रहण किया।  साथ में दोनों पुस्तकें भी डॉ ओझा को भेंट की गयीं। 

बिहार के  बक्सर जिले के बड़का सिंघनपुरा गाँव  के आचार्य रवीन्द्रनाथ ओझा बिहार विश्वविद्यालय के महारानी जानकी कुँवर महाविद्यालय बेतिया  में  स्नातकोत्तर अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष थे। हिंदी जगत में एक निबंधकार, कवि, समीक्षक, पत्र-लेखक के रूप में  डॉ ओझा का एक विशिष्ट स्थान है।