Sunday, July 20, 2025
Foota Basant Aaj Mausam Mein |Review|Acharya Rabindra Nath Ojha | Dr Harisingh Pal|Arun Kumar Paswan
Wednesday, July 16, 2025
K.P. High School | Dumri|Buxar|Acharya Rabindra Nath Ojha Smriti Puraskar|Roksana Khatun|Upendra Rai
Monday, July 14, 2025
Foota Basant Aaj Mausam Mein | Supreme Court| Advocate on Record | Banke Bihari |Dr Ajay Kumar Ojha
Sunday, July 13, 2025
Satya Sanatan 'Mamekam Sharnam Vraja'|Acharya Rabindra Nath Ojha|Dr Ajay Ojha | Nagari Lipi Parishad
"फूटा बसंत आज मौसम में" पुस्तक (Foota Basant Aaj Mausam Mein)
"फूटा बसंत आज मौसम में" पुस्तक
(Foota Basant Aaj Mausam Mein)
स्नेहिल नमस्कार !
Personal Essays | Acharya Rabindra Nath Ojha | Ek Budhiya Ki Adhuri Kahani | Anuradha Prakashan
“जीवन विचित्र है, इसके विषय में कुछ भी कहा नहीं जा सकता। जीवन कोई set formula पर नहीं चलता, कोई बँधी लकीर या बनी लीक या beaten track पर नहीं चलता। इसका कोई नक्शा, रूटीन, टाईमटेबल - schedule, itinerary या प्रोग्राम नहीं होता। दुर्दान्त निर्झर की तरह या पवन-प्रवेग की तरह या वारिद माला की तरह या प्रकृति के प्रवेग या नियति के उद्वेग की तरह, विद्युत की कौंध या सागर की लहर की तरह यह कब कैसे कहाँ कैसा मोड़ ले लेगा, कोई नहीं बता सकता, कोई नहीं कह सकता। अजीब unpredictability है इसमें - अजीब प्रवाह, तरंग और मौज है इसकी। जीवन जैसा capricious, whimsical और eccentric शायद ही कोई जीव मिले। और यही जीवन का charm है, यही इसका romantic glamour है - यही इसका halo है, आभा मंडल है।”
"काशी की वह संगीत संध्या" से
“बाजार की दुनिया एक अलग दुनिया है - बाजार का भाव एक अलग भाव है - बाजार एक विलक्षण भाव - एक विलक्षण रूप - एक विलक्षण मनोदशा - एक विलक्षण मनःस्थिति - एक विलक्षण दृष्टि - एक विलक्षण दृष्टिकोण - एक विलक्षण जीवन-दर्शन - पैसा, पैसा, पैसा - द्रव्य, द्रव्य, द्रव्य - धन, धन, धन - आमद, आमद, आमद बस और कुछ नहीं - बाजार मानवता का कब्रिस्तान है - दिव्यभावों का श्मशान है - आदर्शों का रेगिस्तान है - विचारों की मरुभूमि है - भावनाओं की दावाग्नि है - कल्पनाओं का महाभारत है - प्रेरणाओं की विध्वंस-लीला है, विनाश-भूमि है।”
"एक बुढ़िया की 'अधूरी' कहानी" से